कहां मिलता है फायदा
एचयूएफ को बेसिक छूट के अलावा और भी बहुत से फायदे मिलते हैं जो टैक्स बचाने में मददगार साबित होते हैं। इसके तहत सदस्य की सेलरी एचयूएफ की आय से कम हो जाती है। एचयूएफ की आय घर के खर्चे में इस्तेमाल की जा सकती है जिससे अन्य सदस्य अपनी आमदनी से काफी बचत कर सकते हैं। एक एचयूएफ प्रमुख अपने सदस्य को कारोबार शुरू करने के लिए कर्ज दे सकता है जिसका ब्याज उसकी आय से कम हो जाता है। किराये से होने वाली आमदनी के मामले में अगर घर खाली रहता है तो एचयूएफ को नोशनल रेंट पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इसी तरह से कारोबार को विभाजित करके सर्विस टैक्स और न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) में भी लाभ उठाया जा सकता है। अगर संपत्ति का कुछ हिस्सा एचयूएफ में बांट दिया जाए तो ऊंची आय वाले करदाता संपत्ति टैक्स में भी लाभ उठा सकते हैं।